Thursday, 21 July 2011

तुम बिन

जिसे तुम बिन जीने की आदत ना हो उसके जीने की तुम दुआ मत करना! मुस्कराये आप तो फूल खिल जाए बातें करे आप तो बाहर आ जाए, इतनी दिलकश है आप की दोस्ती की दुश्मन को भी आप पर प्यार आ जाए! जीने का राज़ मैंने दोस्ती में पा लिया है जिसका भी गम मिला उसे अपना बना लिया 

No comments:

Post a Comment